मेरे पिता मेरे जन्मदाता-लवली वर्मा

मेरे पिता मेरे जन्मदाता छाया तले जिनकी पली मैं, पुष्प समान खिली मैं। है मेरा जिनसे अटूट नाता, मेरे पिता, मेरे जन्मदाता।। सपने किये मेरे पूरे, बिन उनके रह जाते…

बापू एक सुविचार-लवली वर्मा

बापू एक सुविचार बदलती जिससे जीवन की दिशा, बापू तुम हो ऐसा विचार। अहिंसा के पथ पर चलकर, तुमने किये हैं चमत्कार। बापू तुम हो ऐसा विचार।। देख तेरी कर्मयात्रा,…

व्यायाम-लवली वर्मा

व्यायाम नित करो सब व्यायाम। चाहे हो सुबह की बेला , या हो फिर शाम। नित करो सब व्यायाम।। बढ़ता इससे उर्जा का स्तर, ताज़गी रहती दिनभर। होती नहीं है…

अनुशासन-लवली वर्मा

अनुशासन स्वयं का स्वयं पर अनुशासन, कहलाता है, अनुशासन। महत्व इसका है, बहुत बड़ा, है मनुष्य इससे ही आगे बढ़ा। हर क्षेत्र में है महत्व इसका, जीवन इससे सार्थक बन…

हैं आजाद हम-लवली वर्मा

हैं आज़ाद हम 15 अगस्त को मिली आज़ादी, अंग्रेजों की गुलामी से। स्वतंत्र हुआ यह भारतवर्ष, वीरों की कुर्बानी से। हैं आज़ाद हम….. वीर योद्धाओं का बलिदान, कण-कण में है…

पंछी-लवली वर्मा

  पंछी पंछी होते अत्यंत सुंदर, रंग-बिरंगे और मनमोहक। सम्मोहित करते सदैव हमें, इनके सारे संदर्भ रोचक।। रंग-बिरंगे इनके पंख, कर देते हैं सबको दंग। ये होते हैं बहुत निराले,…