चिड़िया की आंख कौरव और पांडव थे, चचेरे भाई जाने जाते। द्रोणाचार्य थे गुरु सबके, जो राज गुरु कहलाते। कौरव और पांडव को वे, सिखलाते धनुष चलाना। उनका था उद्देश्य…
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मैं पुस्तक हूं-सुधीर कुमार
मैं पुस्तक हूं मैं पुस्तक हूं, सच्ची साथी, सारी दुनिया का ज्ञान हूं, बच्चे पढ़ मुझे ज्ञानी होते, ऐसी जग में महान हूं। मैं गणित की पुस्तक हूं, बच्चों को…
विपरीतार्थक शब्द-सुधीर कुमार
विपरीतार्थक शब्द आओ बच्चों तुम्हें सिखाता, हूं मैं आज कुछ उल्टा शब्द। विपरीतार्थक को विलोम भी कहते उल्टे अर्थ देते ये शब्द। शहर का उल्टा गांव है, धूप का उल्टा…
चूहे की चतुराई-सुधीर कुमार
चूहे की चतुराई एक बार दो बिल्ली ने मिल, एक चूहे को पकड़ा। उनके चंगुल से छूट न सका, लाख किया वह रगड़ा। तब चूहा बोला कि सुन लो, बात…
हंस किसका-सुधीर कुमार
हंस किसका बड़ी सुहानी सुबह थी उस दिन, खिले हुए थे फूल वहां। शीतल मन्द पवन थी बहती, थे घूम रहे सिद्धार्थ जहां। तभी एक हंस रोता चीखता, गिरा सामने…
प्रदूषण और उसके प्रकार-सुधीर कुमार
प्रदूषण और उसके प्रकार उपयोग लायक न रह जाता न मानव का आ सकता काम। किसी चीज के गंदे होने का ही तो प्रदूषण है नाम। चार तरह के होते…
बिहार दर्शन-सुधीर कुमार
बिहार दर्शन बिहार दिवस पर आओ बच्चों बिहार दर्शन हम करते हैं। आज के दिन प्यारे प्रदेश को शत शत नमन हम करते हैं। बंगाल, उड़ीसा और बिहार तीनों ही…
नामांकन समारोह-सुधीर कुमार
नामांकन समारोह विद्यालय है एक फुलवारी बच्चे इसके फूल। बच्चों से है शोभा इसकी ये हम सब न भूल। महक उठी है ये फुलवारी इनके फिर आने से। गूंज उठी…
अहिंसा की विजय-सुधीर कुमार
अहिंसा की विजय आओ बच्चों तुम्हें सुनाता हूं मैं एक कहानी कौशल नरेश थे प्रसेनजीत और श्रावस्ती उनकी राजधानी। राजा थे वे बहुत बड़े और प्रजा सुखी संपन्न पर एक…
सच्चे मित्र-सुधीर कुमार
सच्चे मित्र पौधे हमारे मित्र हैं सच्चे, इनको न तू भूल। इनसे ही है हरियाली, और मानव जाति समूल। आम, संतरा, केला, नारियल, सेब, अमरुद, अंगूर। ये सारे ही फल…