हंस किसका बड़ी सुहानी सुबह थी उस दिन, खिले हुए थे फूल वहां। शीतल मन्द पवन थी बहती, थे घूम रहे सिद्धार्थ जहां। तभी एक हंस रोता चीखता, गिरा सामने…
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प्रदूषण और उसके प्रकार-सुधीर कुमार
प्रदूषण और उसके प्रकार उपयोग लायक न रह जाता न मानव का आ सकता काम। किसी चीज के गंदे होने का ही तो प्रदूषण है नाम। चार तरह के होते…
बिहार दर्शन-सुधीर कुमार
बिहार दर्शन बिहार दिवस पर आओ बच्चों बिहार दर्शन हम करते हैं। आज के दिन प्यारे प्रदेश को शत शत नमन हम करते हैं। बंगाल, उड़ीसा और बिहार तीनों ही…
नामांकन समारोह-सुधीर कुमार
नामांकन समारोह विद्यालय है एक फुलवारी बच्चे इसके फूल। बच्चों से है शोभा इसकी ये हम सब न भूल। महक उठी है ये फुलवारी इनके फिर आने से। गूंज उठी…
अहिंसा की विजय-सुधीर कुमार
अहिंसा की विजय आओ बच्चों तुम्हें सुनाता हूं मैं एक कहानी कौशल नरेश थे प्रसेनजीत और श्रावस्ती उनकी राजधानी। राजा थे वे बहुत बड़े और प्रजा सुखी संपन्न पर एक…
सच्चे मित्र-सुधीर कुमार
सच्चे मित्र पौधे हमारे मित्र हैं सच्चे, इनको न तू भूल। इनसे ही है हरियाली, और मानव जाति समूल। आम, संतरा, केला, नारियल, सेब, अमरुद, अंगूर। ये सारे ही फल…
वरदराज की कहानी-सुधीर कुमार
वरदराज की कहानी आओ बच्चों, तुम्हें सुनाता, हूंँ मैं एक कहानी आज। गुरुकुल में एक बालक रहता, नाम था जिसका वरदराज। पढ़ने में रुचि नहीं थी उसकी, था विद्या से…
बापू आज भी जिन्दा है-सुधीर कुमार
बापू आज भी जिन्दा है शहीद दिवस पर याद , आते हैं सबको गांधीजी । जिन्होने जंग ए आजादी में , लाई थी एक आंधी जी । तीस जनवरी सन्…
टी ओ बी की महानता-सुधीर कुमार
टी ओ बी की महानता टीचर्स ऑफ बिहार ग्रुप का पूरा हुआ दो वर्ष, आज के दिन इसकी स्थापना हमने की थी सहर्ष। कवियों और लेखकों ने पाया मान और…
विवेकानंद-सुधीर कुमार
विवेकानंद हे युग पुरुष, हे युग प्रवर्तक, तुमको बारम्बार प्रणाम। तुमने भारतीय संस्कृति को, दिया था एक नया आयाम। रुढ़ि और बंधनों से तुमने, देश को मुक्त कराया। भटके हुए…