चिड़िया की आंख-सुधीर कुमार

चिड़िया की आंख कौरव और पांडव थे, चचेरे भाई जाने जाते। द्रोणाचार्य थे गुरु सबके, जो राज गुरु कहलाते। कौरव और पांडव को वे, सिखलाते धनुष चलाना। उनका था उद्देश्य…

मैं पुस्तक हूं-सुधीर कुमार

मैं पुस्तक हूं मैं पुस्तक हूं, सच्ची साथी, सारी दुनिया का ज्ञान हूं, बच्चे पढ़ मुझे ज्ञानी होते, ऐसी जग में महान हूं। मैं गणित की पुस्तक हूं, बच्चों को…

विपरीतार्थक शब्द-सुधीर कुमार

विपरीतार्थक शब्द आओ बच्चों तुम्हें सिखाता, हूं मैं आज कुछ उल्टा शब्द। विपरीतार्थक को विलोम भी कहते  उल्टे अर्थ देते ये शब्द। शहर का उल्टा गांव है, धूप का उल्टा…

अहिंसा की विजय-सुधीर कुमार 

अहिंसा की विजय आओ बच्चों तुम्हें सुनाता हूं मैं एक कहानी  कौशल नरेश थे प्रसेनजीत  और श्रावस्ती उनकी राजधानी।  राजा थे वे बहुत बड़े  और प्रजा सुखी संपन्न  पर एक…