कौतूहल भरा वो दिन-विवेक कुमार

कौतूहल भरा वो दिन वात्सल्य प्रेम की गोद में पला, अंजाना अज्ञानता से भरा अबोध बालक। मां की ममता पिता का प्यार, अनछुई अनकही अबूझ पहेली सी, सभी का प्यारा…

स का दंभ-विवेक कुमार

स का दंभ एक संकट है आया भैया, देता एक संकेत……… इसकी संगति संपर्क स्पर्श, कर रहा संहार सर्वनाश, संक्रमित कर रहा जन को, सूचक संग संयोग संभावना संताप की,…