क्या होती है बेटियां

बेटियां क्या होती है…. बेटा वंश तो अंश होती है बेटियां दो कुलों की आन-बान-शान होती है बेटियां कुदरत जब हो मेहरबां तो परियों के देश से आती है बेटियां…

मैं शिक्षक हूं खूब इठलाती हूं मधु कुमारी

मैं शिक्षक हूँ…खूब इठलाती हूँ आदर्शों की मिसाल बनकर नित बाल जीवन संवारती हूँ मैं शिक्षक हूँ……………….. इस भाग्य पर खूब इठलाती हूँ। अपने संचित ज्ञान के बल पर भविष्य…

वीर बन, युद्ध कर-मधु कुमारी

वीर बन, युद्ध कर ——————— स्थिति परिस्थिति कितने भी हो प्रतिकूल तुम अपनी आत्म शक्ति पहचान, मत भूल चाहे राह में हो अनेकों…….. शूल ही शूल तू युद्ध कर, उड़ा…

रंगोत्सव- मधु कुमारी

रंगोत्सव ——— चली रंगोत्सव की बयार सब पर छाया प्रेम खुमार एहसास भर पिचकारी में शब्द रंग उड़ाऊँ, मैं बेशुमार प्रीत रस की छाई मीठी फुहार भींगे एक दूजे संग…

मैं हूँ नारी- मधु कुमारी

मैं हूँ नारी ——— मैं हूँ नारी एक धधकती सी चिंगारी प्रगति पथ की हूँ अधिकारी सृष्टि की सुंदर कृति हमारी मैं जग जननी,मैं पालनहारी मैं हूँ नारी हमने अपनी…

बधाई हो बधाई-मधु कुमारी

बधाई हो बधाई ——————- बधाई हो बधाई, कि शुभ बेला आई हो गए हम गौरवशाली, टी०ओ०बी० का हैप्पी बर्थडे सबने उल्लासित हो मिलकर मनाई शिक्षा जगत में थे हम नवसिखिए…

सुस्वागतम-सुस्वागतम-मधु कुमारी

सुस्वागतम-सुस्वागतम नव वर्ष का हो रहा नवल आगमन है आशा होगा जन जन का जागरण करते हैं हम संग उल्लास के स्वागतम संग आशाओं से है हर्षमय आगमन सुस्वागतम…सुस्वागतम…सुस्वागतम !…

सर्दी आई-मधु कुमारी

सर्दी आई आ गई अब सर्दी भाई निकल गई सबकी रज़ाई जब ठंडी हवा चले मस्तानी     याद आ जाए तब नाना नानी….. गर्मी भागी सर्दी धमक आई चारों…

प्रकाश पर्व-मधु कुमारी

प्रकाश पर्व चलो एक ऐसा दीप जलाएं मन के घने दुर्गुण तमस को सत्य के प्रकाश से जगमगाए आओ एक ऐसा दीप जलाएं…. करें ईर्ष्या, द्वेष, स्वार्थ की सफ़ाई मन…