सुस्वागतम-सुस्वागतम-मधु कुमारी

Madhu

Madhu

सुस्वागतम-सुस्वागतम

नव वर्ष का हो रहा नवल आगमन
है आशा होगा जन जन का जागरण
करते हैं हम संग उल्लास के स्वागतम
संग आशाओं से है हर्षमय आगमन
सुस्वागतम…सुस्वागतम…सुस्वागतम !

स्वप्न सा सुंदर सुसज्जित हो उपवन
इन्द्रधनुषी गगन में करें विहार क्षण क्षण
तप्त मन की तृष्णा मिटाएँ संग हमदम
भूल वैर भाव एक-दूजे के मन चूमे हम
हो उमंग संग नववर्ष का नवल आगमन
सुस्वागतम…सुस्वागतम…सुस्वागतम !

नव उमंगम…………………नव तरंगम
हो जीवन का अब………..नव प्रसंगम
सर्द रात्रि की सर्द बयार बहती अनुपम
हो सबका मनभावन स्नेहिल आचरण
पावन, प्रफुल्लित हो….चंचल चितवन
जीत जाएं छू स्वप्निल सुंदर नीलगगन
जब हो नववर्ष का……नवल आगमन
सुस्वागतम…सुस्वागतम…सुस्वागतम !

मधु कुमारी
उ० म० वि० भतौरिया
कटिहार

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