मनहरण घनाक्षरी – एस.के.पूनम

🙏कृष्णाय नमः🙏 विधा:-मनहरण घनाक्षरी बिखरे गुलाब पुष्प, आईं सिंहवासिनी माँ, पथ को बुहारते ही,आप सदा रहिए। सोलह श्रृंगार कर, बैठी हैं आसन पर, चरण वंदना कर,आशीर्वाद लीजिए। फल-फूल कंदमूल, पुष्प…

नहीं परेशान हों- एस.के.पूनम

विद्या:-मनहरण घनाक्षरी🌹 शीत का शीलन घटे, ऊर्जा का प्रवाह बढ़े, खेत-खलिहान सजे,सुखद किसान हो। गेहूं की बालियां झुमे, खर-पतवार दिखे, हसुआ लेकर काटे,यही परवान हो। समीर बदला रूप, उष्णता शीतल…