माँ- दीपा वर्मा

Deepa verma

माँ के बिन न हमारा अस्तित्व संभव है।
न हमारा जीवन।
न संसार , न हमारे अच्छे संस्कार।
दुनिया मे अगर कोई हमारा सगा है तो हमारी माँ।
मां की दुआ, हमें आगे बढाती है,तो उसकी बद्दुआ भी खाली नहीं जाती है। निश्चल, निष्कपट होता है,माँ का प्यार।
मा का कोई दिन नहीं होता,
क्योंकि कोई दिन मां के बिन नहीं होता।
माँ का होना तो सबसे जरुरी है,
क्योंकि माँ के बिन, सारी दुनिया ही अधूरी है।
माँ के बारे में जितना लिखें कम है,
क्योंकि माँ है तभी तो हम हैं।
माँ की तुलना ,किसी से की नहीं जा सकती…
क्योंकि पूरा घर परिवार तभी हँसता है,
जब हमारी माँ हंसती है।

दीपा वर्मा
रा .उ.म.वि.मणिका
मुशहरी. मुजफ्फरपुर।

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