है इतिहास साक्ष्य बनकर कह रहा जब जब अत्याचारियों का सितम बरस रहा जब जब मनुज स्वन्त्रता का अर्थ न समझ रहा जब जब मनुज पर परतंत्रता का संकट गहरा…
SHARE WITH US
Share Your Story on
teachersofbihar@gmail.com
Recent Post
- माहवारी औरतों के लिए ईश्वरीय वरदान – नीतू रानी
- माँ – रत्ना प्रिया
- जमाना आजकल – नीतू रानी
- ओ सूरज चाचू – अवनीश कुमार
- सोहर – नीतू रानी
- महिला शिक्षिकाओं को समर्पित- चांदनी समर
- विवाद का परिणाम – जैनेन्द्र प्रसाद ‘रवि’
- बेटी की विदाई – जैनेन्द्र प्रसाद रवि’
- Lincoln’s Letter to his son’s Teacher – Ashish K Pathak
- सौंदर्य. – मनु कुमारी