आओ चलें स्कूल फिर खुल गए स्कूल
आओ चलें बच्चों फिर तुम्हें स्कूल चलना है।
कोविड से लड़ते हुए तुम्हें पढ़ाई पूरी करना है।।
आओ चलें स्कूल….फिर खुल गए स्कूल….2
सूना है पड़ा विद्यालय तेरे किलकारी के बिन।
कर दूर तुम्हें वीरानी ये बुलबुल सा चहकना है।।
आओ चलें स्कूल….फिर खुल गए स्कूल….2
कॉपी-कलम, किताब और श्यामपट्ट जैसे दोस्तों से।
क्या इतने दिनों बाद यहां इन मित्रों से नहीं मिलना है?
आओ चलें स्कूल….फिर खुल गए स्कूल….2
सावधानी दो गज की और मास्क भी पहनना है।
लेकर अनुमति मां-बाप से स्कूल को निकलना है।।
आओ चलें स्कूल….फिर खुल गए स्कूल….2
हो गई है बेरंग सा स्कूल का कोना-कोना जी।
चंचल कदमों की आहट से सौ रंग तुम्हें भरना है।।
आओ चलें स्कूल….फिर खुल गए स्कूल….2
मुस्कान तेरे देखने को गुरुजन भी तो तरसते है।
एक मुद्दत के बाद तुमसे अब गले भी लगना है।।
आओ चलें स्कूल….फिर खुल गए स्कूल….2
रचनाकार-
मो. नसीम रेजा
प्रा. वि. पौआखाली
पोठिया किशनगंज