आओ करें वन की रखवाली
छोटे-छोटे, बड़े-बड़े
पेड़-पौधे हरे-भरे
जीव-जगत के रखवाले
धरती माँ के ये गहने सारे।
पशु-पक्षियों ने पेड़ों पर
अपना घर बसाया है
तपती धूप में हमें भी
आँचल तले सुलाया है।
खट्टे-मीठे फल रसीले
रंग-बिरंगे फूल अलबेले
कंद-मूल की बात क्या
अनाजों की ढ़ेर लगाया है।
स्वार्थ में अंधे हम
पेड़ों का करते सफाया
खुद ज्ञानी कहलाएँ
पर इतना समझ न आया।
बढ़ते प्रदूषण
घटती हरियाली
संकट में धरा हमारी
आओ करें वन की रखवाली।
रानी कुमारी
पूर्णियाँ बिहार
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