आओ पाठ पढ़ाएं-संगीता कुमारी सिंह

Sangita

Sangita

आओ पाठ पढ़ाएं

हम शिक्षक दायित्व हमारा,
छात्रों का भविष्य गढ़ जाएं,
आओ पाठ पढ़ाएं।
कार्ययोजना बनाकर हम
पठन और गतिविधियां करवाएं।
बच्चों के स्तर के अनुकूल,
शिक्षण विधियों को अपनाएं।
करके सीखने की विधियों को
ज्यादातर अपनाएं।
दैनिक जीवन के उदाहरणों
से भी हम समझाएं।
आओ पाठ पढ़ाएं।
सहज, सरल, बोधगम्य
भाषा में हम समझाएं।
प्रारंभिक कक्षाओं में
घर की भाषा भी प्रयोग में लाएं।
जोड़ो और समूहों में
हम नित गतिविधियां करवाएं।
खेल-खेल में कठिन
अवधारणाओं को भी समझाएं।
आओ पाठ पढ़ाएं।
जिज्ञासु होते हैं बच्चे
प्रश्न पूछने को उकसाएं।
वर्ग कक्ष में हर बच्चे की
भागीदारी सुनिश्चित करवाएं।
बोलने का मौका दें
नित चर्चा भी करवाएं।
“मैं करूं”, “हम करें”, “तुम करो”
इस सिद्धांत को भी अपनाएँ।
तनावमुक्त वातावरण में,
अर्थपूर्ण लगातार अभ्यास करवाएं
आओ पाठ पढ़ाएं।
“सीखते हैं सारे बच्चे”
बच्चों पर विश्वास जताएं।
सामाजिक पृष्ठभूमि, पूर्वज्ञान का
अनुभव कर आगे बतलाएं।
बच्चों को अधिक सहायता दें,
मार्गदर्शन में कार्य करवाएं।
सीखने के लिए प्रेरित करें,
काबिलियत पर विश्वास जताएं।
आओ पाठ पढ़ाएं।
उत्साहित होते है बच्चे,
प्रशंसा, सराहना भी कर जाएं।
बेहतर करने को प्रेरित करें,
सुधार के क्षेत्र को भी बतलाएं।
विशेष क्षमताओं को पहचाने,
नयी तकनीक एवं कौशलों
से परिचय करवाएं।
आओ पाठ पढ़ाएं।
नियमित आकलन
एवं पुनरावृत्ति भी हम करवाएं।
बनें हम भविष्य निर्माता,
अपने उद्देश्य में सफल हो जाएं।
आओ पाठ पढ़ाएं।

स्वरचित:-

संगीता कुमारी सिंह
म. वि. गोलाहू

नाथनगर भागलपुर

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