अजातशत्रु अटल
अजातशत्रु आप अटल अविचल,
पावन पवित्र हृदय आपका निर्मल,
भारत भारती के तुम सच्चे लाल,
दृढ़ प्रतिज्ञ कवि हृदय आप कोमल।
इतिहास रचा आपने भारत में,
पोखरण परमाणु परीक्षण करवाया।
कॉंप उठा दुश्मन आपके डर से
नाम सुन भारत का वह थर्राया।
कुशल प्रशासक बन आपने
विश्वपटल पर अपना वर्चस्व दिखाया।
राजनीति में अपने कर्मो से ही आपने,
अपना लोहा सदा मनवाया।
संत समान जीवन रहा आपका,
भारतवासी ही बनें आपके संतान।
उनके उन्नति के लिए सदा ही
अपनी एड़ी चोटी और लगाई जान।
लाहौर बस यात्रा शुरू कर आपने
विश्व जगत को किया अचंभित।
आपकी कूटनीति से पड़ोसी मुल्क
भी होता रहा सदा ही चकित।
लंबी आयु रोगावस्था ने मृत्यु
आपके लिए ही वरण किया।
पर अफसोस भारत से अतुल्य नेता,
राजनीति को अपूरणीय क्षति कर चला गया।
रूचिका
रा. उ. म. वि. तेनुआ, गुठनी सिवान बिहार