अनमोल जीवन-आंचल शरण

Anchal

Anchal

अनमोल जीवन

मजबूरी के दलदल में,
मत फंस प्यारे।
जिंदगी खुशियों की है,
हिम्मती बनकर देख प्यारे।।

आगे बढ़ चलता जा,
सामने रख नज़र प्यारे।
न कोई रोके, न कोई तोड़े,
चट्टान के हो फौलाद प्यारे।।

हर तिमिर को प्रकाश दो,
वो दीपक तुममें प्यारे।
खुद हो देदीप्यमान,
दूसरों को जगमगा दो प्यारे।।

तेरे लिए वक्त रुकेगी नहीं,
इंतजार न करना प्यारे।
दिन महीने साल बीते,
क्या होगा हश्र प्यारे।।

पल-पल कुछ ऐसा कर,
जिंदगी खुशहाल प्यारे।
जब उड़ जाएगी चिड़ियां,
दुनियां बोले बेमिसाल प्यारे।।

मां की आंचल को याद कर,
कैसे संकट से बचाया प्यारे।
ठीक उसी तरह दुनियां को,
तुम भी बचा लो प्यारे।।

मन है चंचल समझ इसे
मत फंस है ये महाजाल प्यारे।
बस याद रख मंजिल को
जीवन है अनमोल प्यारे।।

पाप, घृणा सब त्यागकर,
सबको गले लगाओ प्यारे
प्रेम सुधा बरसा कर जग में,
उपवन नया खिलाओ प्यारे।।

लक्ष्य पूरा होगा जीवन का,
बस दिनकर सा जलना है प्यारे।
अनमोल रत्न कहलाओगे तुम
हो जाओगे बेमिशाल प्यारे।।

भूल जाओगे हर एक गम,
जब सफलता चूमेंगी कदम प्यारे
जर्रा जर्रा यही कहेगा
तुम हो गुदरी के लाल प्यारे।।

धरती, धरा सब है माता,
सीखो इनसे धैर्य प्यारे।
जमकर करो संघर्ष तभी तो
जीवन में निखरेगा नाम प्यारे।

आंचल शरण
बायसी, पूर्णियां
बिहार

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