बिल्ली मौसी
बिल्ली मौसी बिल्ली मौसी,
घर में वह धौस जमाती।
म्याऊं म्याऊं करती रहती,
बच्चों को खूब भाती।।
चूहों को पकड़ा पकड़ी,
उसको खूब मजा आती।
चूहों को पकड़ पकड़कर,
उनका निवाला बनाती।।
दूध दही को भी वह,
खूब छक कर खाती।
चूहे इसके डर से,
बिलो में छुप जाते।।
कभी बिस्तर पर तो,
तो कभी छतों पर।
भागदौड़ मचाती,
अपने गद्देदार पंजों से,
एक छत से दूसरे छतों पर कूद जाती।।
अशोक कुमार
न्यू प्राथमिक विद्यालय भटवलिया
नुआंव कैमूर
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