अशोक कुमार-मां दुर्गा

Ashok

Ashok

मां दुर्गा

हे त्रिशूल धारणी,
शेर पर सवार होकर आजा।
आसुरी शक्तियों का,
तुम नाश करा जा।।

महिषासुर का किया अंत करके,
धरती का उद्धार किया।
समाज में फैली कुरीतियों का,
मां आकर तुम संहार कर।।

नवरात्रि में आकर तुम,
अपने भक्तों का उद्धार करना।
परोपकारी बनें मेरा जीवन,
यही मुझे आशिर्वाद दे।।

सुगम जीवन हो दीन दुखियों का,
कोढ़ियों का काया कल्प करना।
अज्ञानी को ज्ञान देकर,
उसका भी उद्धार करना।।

अशोक कुमार
न्यू प्राथमिक विद्यालय भटवलिया
नुआंव कैैमूर

 

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