प्यारी मां
प्यारी मां प्यारी मां,
सबसे अच्छी मेरी मां।
जब जब मैं रोता,
मुझे चुप कराती मां।।
मुझे दूध पिलाती मां,
अंगुली पकड़कर चलना सिखाती।
जब मैं गिर जाता तो,
फिर से उठाती मां।।
कप कपाती ठंड में मुझे,
सीने से लगाती मां।
चिलचिलाती धूप में भी,
मुझे आंचल ओढ़ाती मां।।
बरसात के दिनों में भी,
खुद भीगकर बचाती मां।
दुनिया के सभी सुख,
मुझ पर लुटाती मां।।
अंधेरी रात में भी,
मुझे सुलाती मां।
जब मैं नहीं सोता,
लोरियां सुनाती मां।।
खुद भूखे रहकर भी,
मुझको खिलाती मां।
नंगे पांव खुद चलकर,
मुझे गोद में उठाती मां।।
खुद मेहनत मजदूरी करके,
मुझको पढ़ाती मां।
मेरा बेटा पढ़े लिखे,
दिहाड़ी भी लगाती मां।।
दुनिया की सुख शांति,
कदमों में रख जाती मां।
खुद भूखे रहकर,
अपने लाल को खिलाती मां।।
अपने पैदल चलकर,
मुझको कंधे पर उठाती मां।
पांव में पड़ जाते छाले,
खुद सह जाती मां।।
मां का जगह कोई नहीं ले पाया,
ममत्व की मूर्ति होती मां।
अपना आंसू पोंछकर,
मुझको हंसाती मां।।
अशोक कुमार
न्यू प्राथमिक विद्यालय भटवलिया
नुआंव कैमूर