पढ़ना है अधिकार मेरा-भोला प्रसाद शर्मा

पढ़ना है अधिकार मेरा जब निकली मैं बस्ता लेके रिंकी मुनियाँ रास्ता रोके क्यूँ तुम पढ़ना चाहती हो जरा मुझे भी कहते जा। पढ़ने से क्या होता लाभ जरा मुझे…

ऐसे होते हैं शिक्षक-भोला प्रसाद शर्मा

  ऐसे होते हैं शिक्षक ऐसे होते हैं शिक्षक! न उन्हें कल का खबर न अपने पोषण की चिन्ता दूर पथगामी सोच लेकर सिर्फ बच्चों के भविष्य का ही अनदेखा…

भारत के वीर-भोला प्रसाद शर्मा

भारत के वीर नन्हा-मुन्ना पास तो आओ, ध्वज हाथ में तुम फहराओ। स्वयं बालक हो तुम अधीर, तुम ही हो भारत के वीर। नन्हें-नन्हें हाथ जो तेरे, ठुमक-ठुमक हो लगाते…