दीपोत्सव झिलमिल झिलमिल दीप जले अन्तस तिमिर संताप छँटे सद्भावों के धवल व्योम तले अवनितल मैत्री सुमन खिले। ज्ञानालोक अपरिमित पाये विस्तार सदाचार हो मानवता का आधार तिरोहित हो…
Author: Dilip Kumar Gupta
नव शक्ति का स्तुति वंदन-दिलीप कुमार
नव शक्ति का स्तुति वंदन पूज्य संत अति पावन मीरा मिटा दुःख भव बंधन पीड़ा रवि ने निर्गुण माधव सुझाया अलख पार आत्मरूप पाया इनके पग पावन भक्ति चंदन नव…
सरस सुपथ-दिलीप कुमार गुप्त
सरस सुपथ जीवन प्रवाह संताप नहीं नैराश्य आर्त नाद पश्चाताप नहीं पथ यह सहज सरलता का सुपथ सुगंधित नैतिकता का संतति को तू गढता चल सरस सुपथ पर बढता चल।…
प्यारी बहना-दिलीप कुमार गुप्त
प्यारी बहना तुमसे सुरभित मेरी जिंदगी तुम ही प्रार्थना तुम ही बंदगी तेरी प्यारी मासूम सी सूरत ममता लुटाती माँ की मूरत निर्मल अन्तःकरण तुम्हारा जीवन प्रभा शुभ उजियारा।…
स्वतंत्रता का पुष्प-दिलीप कुमार गुप्त
स्वतंत्रता का पुष्प स्वतंत्र राष्ट्र, स्वतंत्र निर्णय आज यहाँ संस्कृति निर्भय चाकर स्वामी भेद मिटाया सबको सब का पूरक बनाया शोषण के छंट गये वारिद ज्ञानी ध्यानी हुए कवि कोविद…
तितली रानी-दिलीप कुमार गुप्त
तितली रानी प्यारी सी नन्ही सी सतरंगी पंखों से सजीली फूलों पर मंडराने वाली प्यारी सी तू तितली रानी। भोली सी सलोनी सी धवल हिय की सहेली बगिया की सैर…
सद्गुरु शत शत तुम्हे प्रणाम-दिलीप कुमार गुप्त
सद्गुरु शत शत तुम्हे प्रणाम हे गुरुवर, हे दयानिधे! आपके हैं अनंत उपकार आत्मज्ञान की ज्योति जलाकर सदज्ञान का पियूष पिलाकर मानवता का किया उद्धार सद्गुरु शत शत तुम्हे प्रणाम।…
विनय-दिलीप कुमार गुप्त
विनय तुमसे भक्ति विकसित होती संस्कृति पल्लवित पुष्पित होती मानवीय गरिमा का हो सार शांति सद्भावों के स्वर्णिम द्वार। विनय! तुम हो प्रभु का उपहार। सम्मानित जीवन देते हो हर…
शुभ संस्कार-दिलीप कुमार गुप्त
शुभ संस्कार आध्यात्मिकता से सुख मिलता है अन्तःकरण निर्मल होता है अद्वैत न होता दुश्वार सुपथ देता तब आत्मोद्धार उदित होताजब शुभ संस्कार । सात्विक प्रवृत्तियाँ जगती हैं पापवृतियाँ क्षरित…
पथिक-दिलीप कुमार गुप्त
पथिक कंटक निर्जन राह से बचकर निष्कंटक मार्ग चलना होगा असत्य की भीड़ से पृथक सत्य संबल अपनाना होगा। पथिक! जीवन पथ सुगम होगा। अपेक्षाओं से दूर निकल कर वर्जनाओं…