नववधू गतिशील सुंदर अभिव्यक्ति के साथ शैशवावस्था के पथ पर अग्रसर स्वयं की खोज में, चंचल चित की अधिकारी बन विचर रहीं वो । विचारों की सिंधु के गंभीर…
Author: Priyanka Dube
नशा मुक्ति-प्रियंका दुबे
नशा मुक्ति कामना है कामना उड़ने की है कामना, कुत्सित कामना जीवन के संघर्षों से मुँह मोड़ने की लालसा। चाहे हो जिसकी भी कामना तुम मोड़ लो मार्ग अपना रोक…
सीमाएं-प्रियंका दुबे
सीमाएं प्रकृति के आँगन में कौतुक क्रीड़ाएं करते जीवन की संगतियों और विसंगतियों के बीच द्विपक्षीय संबंधों की परिभाषाएं, क्यों तय करती है सीमाएं? उन्मुक्तता की उड़ान भरने वाला, निरीह…
पापा की परी-प्रियंका दुबे
पापा की परी फूल सी कोमलता, तितली सी चपलता, शिशु सी सरलता, है मुझमें कौतुकता, परी हूं मैं पापा की परी हूं। रास्ते हैं कठिन मेरे डगर पर है शिलाएं,…
बाबा-प्रियंका दुबे
बाबा बचपन मे फिर लौटा दो ना बाबा, अपनी पुरानी साइकिल पर फिर से बैठा दो ना बाबा, मेरी हर जिद को सर आँखों में फिर से बिठला दो ना…
मैं हिन्दी हूॅं-प्रियंका दुबे
मैं हिन्दी हूॅं वर्षों पुराने इतिहास के पन्नों में, दर्ज है मेरे अस्तित्व की कहानियाँ, शिशु हूॅं मैं संस्कृत है जननी मेरी, गर्व से बोलने और सुनने की तब थी…
माँ-प्रियंका दुबे
माँ सीमाओं से परे अभिव्यक्ति से ऊपर एक शब्द नहीँ बल्कि सृजन की एक अनोखी गाथा। स्वयं में समाहित ममता त्याग और संरक्षण का अभूतपूर्व विश्व, सर्वोपरि शुभचिंतक तो हो…
जीवन की राहें-प्रियंका दुबे
जीवन की राहें पथ है जीवन का गतिशील है कदम गंतव्य स्थल पर जाकर सर्व धर्म निभाना है कठिन। ईश्वर रचित संसार की चुनौतियाँ है जटिल उम्मीदों की दृष्टि से…
गंतव्य-प्रियंका दुबे
गंतव्य जीवन की यात्रा पर गतिशील है कदम, नहीं ज्ञातव्य यथार्थता, नहीं ज्ञातव्य औचित्य, नहीं है स्पष्ट रास्ते, नहीं जानते गंतव्य, कौन सा पथ है उनका कौन सही है पथिक,…
बालमन-प्रियंका दुबे
बालमन कल्पनाओं के अंबुज में गोते लगाता बालमन, भरना चाहता है सदैव उन्मुक्तता की उड़ान, अंगीकार कर लेना चाहता है स्वच्छंदता की अनंत असीम विस्तार। कौतुहल से भरी शिशु मन…