बंदर की चतुराई एक बार दो बिल्ली ने, एक रोटी कहीं थी पाई। किंतु खाते वक्त दोनों में, हो गई खूब लड़ाई। पहली बिल्ली कहती कि, मैं ही ज्यादा खाऊँगी।…
Author: Sudhir Kumar
हम होंगे कामयाब एक दिन-सुधीर कुमार
हम होंगे कामयाब एक दिन हम होंगे कामयाब एक दिन। हम होंगे कामयाब एक दिन। माना लम्बा है रस्ता, बाधाएं भी हैं अनेक। आयेगी हजारों रुकावटें, कठिनाईयां एक से एक।…
बच्चों की शक्ति-सुधीर कुमार
बच्चों की शक्ति बच्चों तुम तकदीर हो इस भारत देश की एक जिंदा तस्वीर हो इस समय विशेष की। आगे ले जाना है इसको खूब तरक्की करना है देश की…
संज्ञा के प्रकार-सुधीर कुमार
संज्ञा के प्रकार नाम को संज्ञा कहते हैं, जो भी जग में पाया जाता। राम, श्याम, पटना, गंगा, ये सब संज्ञा हैं कहलाता। प्रथम प्रकार है जातिवाचक, जाति का…
बच्चों की दिनचर्या-सुधीर कुमार
बच्चों की दिनचर्या सबसे पहले उठकर बच्चों, गुरुजनों को करो प्रणाम। लेकर उनका आशीर्वाद ही, शुरु करो तुम अपने काम। मुंह कान धो लो अपने, और गृहकार्य पूरा कर लो।…
मैं शिक्षक हूं-सुधीर कुमार
मैं शिक्षक हूं पत्थर तराश हर रोज नया, मूरत मैं बनाया करता हूं। बच्चों के भावी जीवन को, शिक्षा से सजाया करता हूं। राष्ट्र निर्माण के कारण मैं, पूजा समाज…
चूहे और बिल्ली-सुधीर कुमार
बालगीत चूहे और बिल्ली एक खाली घर में थे रहते, बहुत से चूहे मिल के। खाते खेलते खूब थे सारे, करते बातें दिल के। बहुत था सुंदर जीवन उनका, नहीं…
प्रेमचंद साहित्य-सुधीर कुमार
प्रेमचंद साहित्य प्रेमचंद की कथा यात्रा, लाई साहित्य में नव बसंत। सोजे वतन से शुरू होकर, मंगलसूत्र पर हुई है अंत। उपन्यास है इनके सेवासदन, प्रतिज्ञा, वरदान, गबन, रंगभूमि। कायाकल्प,…
कन्हैया आ जाओ-सुधीर कुमार
कन्हैया आ जाओ कृष्ण कन्हैया रास रचैया आ जाओ एक बार। भक्त तुम्हारे द्वार खड़े हैं दर्शन दो एक बार। कन्हैया आ जाओ दरस दिखा जाओ। द्रोपदी ने रो रो…
बच्चे का संकल्प-सुधीर कुमार
बच्चे का संकल्प हम बच्चे हैं छोटे पर हमें बड़ा बहुत बनना है। पर्वत बन आंधी के आगे सदा खड़ा रहना है। सागर की लहरों पर हमको अपनी नाव चलानी…