बच्चे
बच्चे मन के सच्चे हैं,
देखो कितने अच्छे हैं।
भोली भाली सूरत इनकी,
मीठी मीठी बोली है।
ये सदा आज में जीते,
कल की चिंता नहीं है करते।
छल कपट से कोसों दूर,
जीते हैं हर गम को भूल।
जिनसे मिलता इनको प्यार,
उसी पर हो जाते ये न्योछावर।
ये होते हैं सबके प्यारे
इनसे होते जग उजियारे।
सब का चित मोह लेते हैं,
अद्भुत सुख ये देते हैं।
तरह तरह के प्रश्न है करते,
उत्तर पा आनंदित होते।
ये भारत के स्वर्ण बिहान,
इनमें बसते स्वयं भगवान।
इनकी हंसी खुशी है मूल,😊
ये हैं नन्हे मुन्ने फूल।🌹🌹
इनसे महके हर कोना कोना,
इनके बिन सब सूना सूना।
मिलकर इनका भविष्य बनाएं,
इन्हें इनका अधिकार दिलाएं।🙏
नीभा सिंह,
फारबिसगंज, अररिया
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