बच्चे पाकर बने महान-प्रकाश प्रभात 

बच्चे पाकर बने महान

प्रारंभिक भाषा शिक्षण में हो इसी तरह उन्नति, 

शिक्षण कोर्स में हो रही अब जागृति। 

प्रारंभिक भाषा शिक्षण की है एक समृद्ध पुकार, 
शिक्षित बच्चे हो सबका घर परिवार। 

आओ बच्चों करके दिखाएँ, 
पढ़ना और लिखना सिखाएँ। 

सीखना तो कभी नहीं होगा कम, 
जीवन में आगे तुम बढ़ना हरदम।

बच्चों में हो भाषायी विकास, 
हिन्दी या चाहे घर की हो बात।

प्रारम्भिक शिक्षण में भाषा, 
मौखिक या लिखित भाषा। 

चाहे हो बोलचाल की भाषा, 
फिर हो आकदमिक भाषा। 

भाषा, साक्षरता शिक्षण की शुरुआत,
यहाँ बुनियादी समझ की होती बात।

इमर्जेंट या उभरती साक्षरता, 
फिर आती ध्वनि जागरुकता।

आया प्रिंट चेतना को भी जान, 
हुआ अक्षर व शब्द का ज्ञान। 

डिकोडिंग की बात है न्यारी, 
प्रवाहपूर्ण पठन भी है प्यारी।

साझा पठन से करें पहचान, 
आया समवेत करें दोहरान। 

पठन एक है मार्गदर्शनयुक्त, 
जोड़ों में भी पठन है खूब। 

स्वतंत्र पठन भी है निराली, 
मुक्त पठन की बात कर ली। 

समृद्ध मौखिक भाषा ज्ञान, 
साक्षरता आयाम को जान। 

शिक्षण शैली का भी चयन, 
बच्चे हरदम करते नमन। 

शिक्षण की हर रणनीतियाँ, 
जिसमें हो हर गतिविधियाँ। 

बच्चों को दें समुचित ज्ञान, 
बच्चे भी पाकर बने महान। 

यही तो है सबका अभिमान, 
सबका भला सबका कल्याण।

✍🏻✍🏻प्रकाश प्रभात 
प्राo विo बाँसबाड़ी

बायसी पूर्णियाँ बिहार

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