बच्चे सभी होते हैं खास-धीरज कुमार

Dhiraj

बच्चे सभी होते है खास

बच्चे सभी होते हैं खास
सबको होती है इनसे आस।

जब लगे किसी भी काम में
लगती कभी ना भूख प्यास।

हर बच्चे होते हैं खास

हम रखते हैं उम्मीदें इनसे
इनको नहीं जरा आभास।

पर सबको एक जैसी खेल पढ़ाइ
आती नहीं है रास।

कोई बच्चा शांति में पढता कोई पढ़ना चाहे अकेला।

कोई बच्चा समूह में पढता चाहे सब साथ रहे हमेशा।

कोई खेल खेल में पढता कोई किताबों में ही रहता व्यस्त।

कोई गाना अच्छा गाता है कोई बनाता अच्छा चित्र।

कोई बनाता ज्यादा साथी कोई न चाहे ज्यादा मित्र।

सबकी रुचि अलग-अलग सबकी अपनी अलग पहचान।

सम्मान करें हर बच्चे का बड़े होकर यह बन सकते हैं महान।

धीरज कुमार

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