बच्चों खेलो गिनती का खेला-सन्नी कुमार

बच्चों खेलो गिनती का खेला

बोलो बच्चों एक–दो–तीन,
खरीद कर लाओ तुम आम तीन।

खेलो बच्चों चार-पांच–छह,
सीढ़ी चढ़ो तुम गिन कर छह।

सात–आठ–नौ का बड़ा है खेला,
बोलकर सीखो गिनती का खेला।

दस का है अपना ही खेला,
दो अंको का बेमिसाल है जोड़ा।

ग्यारह–बारह और तेरह का खेला,
बच्चों खा लो तेरह पीस केला।

चौदह–पंद्रह–सोलह दिन मेला,
चाचा घुमाया साथ में मेला।

सत्रह–अठारह–उन्नीस का गिनती,
बच्चों करो भगवान से विनती।

बीस का है अपना ही खेला,
दो–जीरो का बनता जोड़ा।

शुरू करो इक्कीस–बाईस–तेईस का खेल,
तुम बच्चों में बड़ा है मेल।

चौबीस–पच्चीस–छब्बीस का खेल,
तुम सब पढ़ो गिनती का खेल।

सत्ताईस–अट्ठाईस–उन्नतीस में मेल,
इसके पीछे अंकों का खेल।

तीस है सबसे बात बताती
सम संख्या मैं हूॅं कहलाती।

सन्नी कुमार
विशेष शिक्षक
भागलपुर  बिहार

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