बापू की निशानी
देश की आजादी पर
अर्पित कर दी जवानी है,
ये आजादी तो बापू की
अमिट निशानी है।
पोरबंदर का एक राजदुलारा
बन गया दुनिया की आंखों का तारा,
भारत से अफ्रिका की यात्रा
यहां सबको याद ज़ुबानी है।
ये आजादी तो बापू की……।
नहीं बंदूक नहीं तलवार उठाई
सत्य, अहिंसा को ढाल बनाई,
अंग्रेजों को याद दिलाई नानी है।
ये आजादी तो बापू की……।
लाखों लोगों का ख़ून बहा था
अत्याचार और जुल्म सहा था,
गोरों की बर्बरता सुनकर
आंखों से निकलता पानी है।
ये आजादी तो बापू की……।
भारत छोड़ो उनका नारा था
परिवार से बढ़कर देश प्यारा था,
मजदूर,किसान चाहे वीर जवान हो
सबने दी अपनी कुर्बानी है।
ये आजादी तो बापू की……।
तीन गोलियां सीने पर खाकर
सो गये अपनी जान गंवा कर,
भारत के कण-कण में लिखी
बापू की अमर कहानी है।
ये आजादी तो बापू की……।
लक्ष्मीबाई,भगत, सुभाष, आजाद ने
खुदीराम, राजगुरु, बिस्मिल प्रसाद ने,
मिल जुल कर गौरव गाथा लिखी
ये अमर शहीद बलिदानी है।
ये आजादी तो बापू की……।
समूचे भारत में बहुत थे नेता
बापू थे जन-जन का चहेता,
किसका कितना था योगदान
यह हो गई बात पुरानी है।
ये आजादी तो बापू की……।
बापू तुमसे है यह वादा
कुछ कर गुजरने का है इरादा,
तेरी हस्ती मिटने नहीं देंगें
ये ख़ून हमारा हिंदुस्तानी है।
ये आजादी तो बापू की अमिट निशानी है।
– जैनेन्द्र प्रसाद ‘रवि’
म० वि० बख्तियारपुर
पटना