बोलो जय हिंद जय हिंद जय हिंद
इस मिट्टी की सौंधी खुशबू
सांसों में बसाकर लाए हैं,
भारत देश की गौरव गाथा
तुम्हें आज सुनाने आए हैं।
बोलो जय हिंद, जय हिंद, जय हिंद।।
हम आज़ादी का जश्न मनाने
आज यहाँ पर आए हैं,
अपने विभिन्नताओं के कई रंग
साथ में हम तो लाए हैं।
बोलो जय हिंद, जय हिंद, जय हिंद।।
कोई हिन्दू कोई मुस्लिम
और कोई सिख-ईसाई है,
ज़ाति, धर्म, भाषा हो अलग
पर आपस में हम भाई है।
बोलो जय हिंद, जय हिंद, जय हिंद।।
एक माँ के संतान सभी है
फिर कैसी ये लड़ाई है,
हमने तो हर दौर में ही
प्रीत अपनी निभाई है।
बोलो जय हिंद, जय हिंद, जय हिन्द।।
बापू,भगत की धरती है ये
हर बच्चा बलिदानी है,
अकबर, अशोक की शान है ये
टीपू की कुर्बानी है।
बोलो जय हिंद, जय हिंद, जय हिंद।।
नानक की शिक्षा हो या
चिश्ती की हिदायत हो,
प्रेम एकता की ही तो
सारी ये कहानी है।
बोलो जय हिंद, जय हिंद, जय हिंद ।।
चाँदनी समर