बुलंद इरादे
कर इरादा इतना बुलंद
सागर भी तेरे पाँव पखाड़े
गगन से संदेश आया है
आज अमृत वर्षा होनी है
तू किस फिराक में पड़ा है
जो होना है वो होना है
बादलों ने संदेशा भेजा है
है, अब तुझे गरजना है
बिजलियों ने किया है तुझे पुकार
अब तेरी ही होगी जय जयकार
धरती की सुन चित्कार
अब ला भूचाल दो दो चार
अब भी इस फिराक में पड़ा है
जो होना है, वो होना है
समुद्र की लहरों से टकराना सीख
बन कर ज्वाला दहकना सीख
बन पर्वत तूफाँ को मोड़ना सीख
मातृभूमि से तू पाया है आशीष
तुझपे है देश कुर्बान
तू दिखा सही, तू दिखा सही ।
अवनीश कुमार
प्रभारी प्रधानाध्यापक
उत्क्रमित मध्य विदयालय अजगरवा पूरब
प्रखंड पकड़ीदयाल, पूर्वी चंपारण
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