अनंत अंतरिक्ष की कल्पना अंतरिक्ष की परी ‘कल्पना’ करोड़ों बेटियों की प्रेरणा सपनों को जीना सिखा गईं, कल्पना। अनंत अंतरिक्ष में, उड़ान भरने की कल्पना को साकार कर गईं, कल्पना।…
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मै शिक्षक हूँ-अनुपमा अधिकारी
मै शिक्षक हूँ हाँ मैं शिक्षक हूँ, मैं राष्ट्र निर्माता हूँ चुनौती भरा जीवन है अपना हर कर्तव्य निभाता हूँ ! कभी बच्चों का गुरु बन जाता हूँ, तो कभी…
अहिंसा की विजय-सुधीर कुमार
अहिंसा की विजय आओ बच्चों तुम्हें सुनाता हूं मैं एक कहानी कौशल नरेश थे प्रसेनजीत और श्रावस्ती उनकी राजधानी। राजा थे वे बहुत बड़े और प्रजा सुखी संपन्न पर एक…
मैं किसान हूँ-प्रभात रमण
मैं किसान हूँ हूँ दीन, हीन, गरीब, मगर मैं सबसे बड़ा अमीर हूँ । ये जमीन मेरी है, ये आसमाँ मेरा है । बहती पवन मेरी है, सारा जहाँ मेरा…