नन्ही आँखों में सपनों का जहाँ- सुरेश कुमार गौरव

भोली-सी आँखों में, सपनों का जहाँ है, निःस्वार्थ हंसी में, प्रेम अनंत यहाँ है। आशा के दीपक से, रौशन हैं राहें, बाल मन के रंग में, उजली हैं चाहें। ज्ञान…

फणीश्वरनाथ रेणु: विधा- दोहावली- रामकिशोर पाठक

कथा भाव ऐसी सरल, जैसे स्वर दे वेणु। उपन्यास वैसी लिखें, फनीश्वर नाथ रेणु। हृदय छूता रहा सदा, उपन्यास का भाव। उनकी रचना में दिखा, गॉंव घर से लगाव।। दर्द…

वन्य जीव बचाएँ, प्रकृति महकाएँ- सुरेश कुमार गौरव

वन उपवन के प्राणी प्यारे, जीवन के ये शुभ सितारे। धरती का ये संतुलन बनाएँ, प्रकृति की नित शोभा बढ़ाएँ। शेर दहाड़े वन जंगल में जाकर, हिरण नाचे कुलांचे भर…

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस: विधा- दोहावली- देवकांत मिश्र ‘दिव्य’

दिवस राष्ट्र विज्ञान का, लाया नव उल्लास। रमण खोज की याद कर, उर में भरें उजास।। चिंतन कर विज्ञान का, लाएँ अभिनव सोच। अन्वेषण की चाह में, नहीं करें संकोच।…

ऊँ नमः शिवाय – रत्ना प्रिया

पतित पावनी गंगा को शिव, सिर पर धारण करते हैं। नमः शिवाय जपने वाले का, कष्ट निवारण करते हैं।। मृत-संजीवनी मंत्र महिमा, श्रेष्ठ है व न्यारी है, कष्ट-क्लेश संताप मिटाती,…

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस- रामकिशोर पाठक

हम करें विज्ञान की बातें, देश के उत्थान की बातें। विज्ञान और नवाचार में, युवाओं को सशक्त बनाना। राष्ट्रीय विज्ञान दिवस सदा, जागरूकता चाहे लाना। केंद्रित रखकर इसी भाव को,…

जरा जरा-सी बात पर – अमरनाथ त्रिवेदी

जरा  जरा-सी  बात  पर, दिल को कभी  न रूठाइए। जरा जरा-सी बात  पर, मन को कभी न दुखाइए। निज घर की गुप्त बातों को, बाहर  कभी न  फैलाइए। घर के झगड़ा झंझट को, घर में ही  सुलझाइए। जब…