चंदा मामा-नरेश कुमार निराला

चंदा मामा

गोल-गोल सा चंदा मामा
लिपटा बैठा थाली में,
आओ मिलकर दूध पिलाएँ
सुंदर सुंदर प्याली में।

जगमग-जगमग जुगनू करती
चमचम करते तारें हैं,
ऊपर बैठे चंदा मामा
हर बच्चे को प्यारे हैं।

जाड़ा गर्मी या बरसात
आसमान में रहते हैं,
साहस, धैर्य, प्रगति के पथ पर
शीतल छाया करते हैं।

दिखता पूरा पूनम रजनी
चांद अमावस छिप जाता,
अन्य दिनों बढ़ता-घटता है
नई सीख है सिखलाता।

वायरस एक कोरोना नाम

उत्तर-दक्षिण, पूरब- पश्चिम
चारों ओर मचा कोहराम,
घर से बाहर कोई न निकलो
छूते ही संशय में प्राण।

वायरस एक टहलता बाहर
कोरोना है जिसका नाम,
चीन में इसका जन्म हुआ है
पूरी दुनिया है हलकान।

हर घंटे साबुन से सफाई
दो गज की दूरी अभियान,
मास्क पहनना नहीं भूलना
नमस्कार से हो सम्मान।

हर दिन वर्जिश, प्राणायाम
सुबह-शाम में करना है ध्यान,
एहतियात से जाए कोरोना
मिले विश्व को फिर विश्राम।

नरेश कुमार ‘निराला’
शिक्षक, सुपौल

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