चेतना वाणी का शुभ वरदान है हिंदी
हिंदी हमारी आन है हिंदी हमारी शान है
हिंदी हमारी चेतना वाणी का शुभ वरदान है।
हिंदी हमारे देश की मातृभाषा की पहचान है
हिंदी की प्रगति और उत्थान के लिए
हम तन्मयता से तैयार हैं।
हिंदी हमारी राजभाषा है
हिंदी के उत्थान में पुरोधा साहित्यकारों ने
दिया अपना महत्वपूर्ण योगदान है
हिंदी के प्रति अनुराग औ जागरूकता
यह लक्ष्य हमारा साफ है।
हिंदी भाषा की प्रगतिशील
कार्यों हेतु सरकारी कार्यालयों में
विभिन्न विषयों पर हिंदी में होते व्याख्यान है।
हिंदी को है जन-जन तक पहुंचाना
मिले मातृभाषा को उचित सम्मान
देश ही नहीं विदेशों में भी हो प्रचारित
हम देशवासियों का यही संकल्प अभियान है..!!
शालिनी कुमारी
शिक्षिका
मुज़फ़्फ़रपुर (बिहार )
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