रूप घनाक्षरी छंद में
श्रद्धा रख नर-नारी,
सालों करते तैयारी,
लोक आस्था का है चार दिवसीय अनुष्ठान।
सूरज का ध्यान धर-
करते हैं पूजा-पाठ,
नदियों या तालाबों में, करते हैं अर्घ्य दान।
स्वच्छता का ध्यान धर
निराहार रहकर,
सूर्य को चढ़ाते जल, फल-फूल पकवान।
अनेक त्योहार होते-
देवभूमि भारत मे,
सदियों से होता आया, छठ पर्व है महान।
जैनेन्द्र प्रसाद ‘रवि’
म.वि. बख्तियारपुर, पटना
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