कोरोना का संकेत
हाहाकार मचा है दुनिया में
मेरे नाम का खौफ
डर-डर कर जी रहे सभी
बंद हो गया है मौज।
कोरोना-कोरोना-कोरोना
अब तो मुझे ही है सोचना
मत डर मुझसे हे मानव
तेरी संस्कृति ही है कायम
मैं तो बस आया हूं
तुझे अच्छी सीख देने।
क्यों भूले तुमने हाथ जोड़ना
न चूमना न गले लगाना
हाथ जोड़ प्रणाम करो
अपनी संस्कृति फिर से कायम करो।
रूम स्प्रे, बॉडी स्प्रे
क्यों लेकर आए दुनिया में
धूप-अगरबत्ती, दीप से
सुगंध फैलाओ घर आंगन में।
नित्य योग और व्यायाम करो
अपनी संस्कृति फिर से कायम करो।
सात्विक जीवन सात्विक भोजन
तन मन को करे मनोभावन।
जंक फूड, फास्ट फूड का त्याग करो
घर के बने शुद्ध भोजन को ग्रहण करो।
अपनी संस्कृति फिर से कायम करो
घर बाहर हर जगह
साफ-सफाई का ध्यान करो।
हाथ पैर, चेहरे का
अपना पूरा ख्याल करो।
पेड़-पौधे, पशु-पक्षी
सब पर किया तुने अत्याचार
नए-नए परमाणु बनाकर
किया प्रदूषण का प्रचार।
कम हो गई धरती पर ऑक्सीजन
तो हो गई मैं बदनाम।
टेक्नोलॉजी से इतने जुड़े कि
सब रिश्ते नाते भूल गए।
अपनों से अपनों को मैंने मिलवाया
थोड़ा घर पर भी रह कर आराम करो।
जितना हो सके खुद से
कुछ न कुछ काम करो।
अच्छी रहेगी तेरी इम्यूनिटी पावर
जग का थोड़ा कल्याण करो।
स्वयं इस पर तुम विचार करो
मुझे न यूं बदनाम करो
अपनी संस्कृति फिर से कायम करो।
लवली कुमारी
उत्क्रमित मध्य विद्यालय अनूप नगर
बारसोई कटिहार