कोरोना की मार
कोरोना और इस काल से रहें सतर्क
हमेशा रहें सजग करें कोई न कुतर्क।
सामाजिक दूरी अब भी है पूरी जरुरी
भीड़-भाड़ का जीवन तो है गैर जरूरी।
मास्क और सेनेटाइजर है रोग रक्षक
पीपीई कीट और ग्लव्स भी है संरक्षक।
मामले हो रहे गंभीर और चिंताजनक
नियम माने तो जीवन हो सुविधाजनक।
साफ-सुथरा रखने से ही है जीवन-काल
विपरीत इसके रहने से होते मरण-काल।
मास्क भी अभी है जीवन दायी वैक्सीन
फिर कोरोना वैक्सीन है जरूरी मेडीसीन।
जरा सी लापरवाही चौदह दिनों का वनवास
फिर चौदह दिनों बाद मिलता है गृह वास।
सर्दी, खांसी और बुखार लगता हो अगर
चिकित्सक की सलाह लेनी भी है मगर।
बुखार, बदन दर्द, गहरी छींक करता सूचित
ले वही दवा जो लगता हो आपको उचित।
सामाजिक दूरी से अभी भी है गहरा नाता
बाहरी संपर्क में भी रहना है यह नहीं भाता।
जब एक दिन में मामले लाख पार हो जाए
तब हम सब इस कोरोना से कैसे लड़ पाएं?
मेरी स्वरचित मौलिक रचना
सुरेश कुमार गौरव ✍️
@सर्वाधिकार सुरक्षित