दिवाली
खुशियों का सौगात लेकर,
आती है हर साल दिवाली।
अँधियारे को दूर भगाकर,
करती है खुशहाल दिवाली।
करके घर की साफ-सफाई ,
रंग-रोगन लिपाई पुताई।
दरवाजे पर हम हैं बनाते,
रंग-बिरंगी फिर रंगोली
खुशियों का त्योहार लेकर,
आती है हर साल दिवाली।
दीपों से हम घर को सजाते,
नये नये पोशाक पहनते
बच्चों की तो बात न पूछो
सुबह शाम चहकते रहते।
दीपों का त्योहार है यह,
इस त्योहार की छटा निराली
खुशियों का सौगात लेकर,
आती है हर साल दिवाली।
माँ लक्ष्मी की पूजा करते,
रंग बिरंगे दीप जलाते
तरह-तरह के पुष्प चढ़ाते
धूप दीप नैवेद्य लेकर
पूजा का हम थाल सजाते।
मेवा मिठाई खील बताशे
फुलझड़ियाँ और खूब पटाखे
यह सब माँ को अर्पण करते
हाथ जोड़कर विनती करते
माँ देना सबको खुशहाली।
खुशियों का सौगात लेकर
आती है हर साल दिवाली ।
प्रीति कुमारी
कन्या मध्य विद्यालय मऊ विद्यापति नगर समस्तीपुर