दिवाली संदेश
दिवाली आया, राम राज्य का संदेश है लाया
उम्मीदों के जलते दीप संग है लाया
लाया खुशियाँ, सुख-समृद्धि का उपहार
चारों ओर छाई हर्षोल्लास की बहार ।
जगमग-जगमग दीपक चमके
सुंदर वातावरण से मन महके
देख चहुं ओर की ज्योति
मन में एक आवाज़ है उठती
क्या तारे जमीन पर
खुशियाँ लुटाने आए हैं ?
या फिर अपनी अनुपम छटा से
माँ वसुंधरा को सजाने आए हैं ?
असत्य पर सत्य की सदैव जीत हो
मन एक नई ऊर्जा से ऊर्जावान प्रतीत हो
स्वच्छता की सुंदर छवि गुणातीत हो
आशा से समर्पित सद्भाव गतिशील हो
प्रेरणा दीप जले बाहर हीं नहीं
इस चंचल मन के अंदर भी
निश्चय मन सुंदर भावों से आशातीत हो।
आओ मिलकर फिर से
उम्मीदों के दीप जलाएँ
मानवता के मन के कोने-कोने से
अंधियारा को दूर भगाएँ
उत्साह भरे दीप जलाकर
चलो अमावस को पूनम बनाएँ
चलो मिलकर दीप जलाएँ
दिवाली का अनुपम त्योहार मनाएँ ।
मधु कुमारी
कटिहार