डॉ.सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन
गुरु दीप्तमान
रहें गुणवान
जाने जहान
कृष्णन महान
उत्तम विचार
सदय व्यवहार
न तनिक गुमान
ईश्वर समान
क्या हो बख़ान
था सब निदान
दे योगदान
रचा संविधान
मिला पहचान
वो धन्य स्थान
जन्मा सपूत
वो राष्ट्र दूत
मनहरण घनाक्षरी
गुरु महिमा
गुरु बिन ज्ञान नही, मिले जग मान नहीं
झुकते न पेड़ जो वो, ठूठ बन जाते हैं
ये ज्ञान-विज्ञान सीखो, साहित्य या गान सीखो
गुरु ही तो जीवन का, मर्म समझाते हैं
हैं मानते वे एक से, वो बोल सीधे नेक से
हैं ये रिश्ता न लोभ का, टूट के निभाते हैं
प्रभु से भी मान बड़ा, आगे नही कोई खड़ा
महिमा लगे है प्यारी, सभी गुण गाते हैं।
✍️विनय कुमार ‘ओज’
आ.म.वि. अईमा
खिजरसराय ( गया )
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