गणेश वंदना..राम किशोर पाठक

Ram Kishore Pathak

गणेश वंदना- सीता छंद

देव तेरी वंदना जो, नित्य ही गाया करूँ।
दिव्य तेरे रूप का मैं, दर्श जो पाया करूँ।।

साधना कैसे करूँ मैं, विज्ञता दाता नहीं।
याचना कैसे करूँ मैं, माँगना आता नहीं।।
आपके आशीष से ही, नित्य हर्षाया करूँ।
देव तेरी वंदना जो, नित्य ही गाया करूँ।०१।।

दास तेरा मूढ़ता का, बोझ ढोता मैं पला।
भक्त का भी हाल ऐसा, कौन पूछेगा भला।।
शीश श्रद्धा से झुकाऊँ, भाव मैं लाया करूँ।
देव तेरी वंदना जो, नित्य ही गाया करूँ।०२।।

आप बोलो मैं भला क्या, ज्ञान पाऊँगा नहीं।
विज्ञता का दान लेने, अर्ज लाऊँगा नहीं।।
भक्ति में जो शक्ति हो तो, शीर्ष मैं आया करूँ।
देव तेरी वंदना जो, नित्य ही गाया करूँ।०३।।

गीतकार:- राम किशोर पाठक
प्रधान शिक्षक
प्राथमिक विद्यालय कालीगंज उत्तर टोला, बिहटा, पटना, बिहार।
संपर्क – 9835232978

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