हम धरती की संतान हैं
सृष्टि के कण-कण में देखो,
बसते यहाँ भगवान हैं।
धरती हमारी माता है,
हम इसकी संतान हैं।
कितनी प्यारी धरा हमारी,
इसका हमें गुमान है।
इसकी खूबसूरती नष्ट न हो,
रखना सदा इसका ध्यान है।
ऊँच-नीच का भेद नहीं,
हम सब एक समान हैं।
कौन है अपना कौन पराया,
इसका नहीं हमें भान है।
हर सुख-सुविधा यहाँ से पाते,
इस बात का हमको ज्ञान है।
माँ के काम हम आ सके,
बस दिल में यही अरमान है।
उनके आँसू पोछ हम पाएँ,
जो दुःखी और परेशान है।
एक दूजे का साथ निभाए,
हम सच्चे इंसान हैं।
कोई पीछे छूट न जाए,
रखना इसका ध्यान है।
भूलकर भी कोई भूल न हो,
करना सबका सम्मान है।
हम बच्चे हैं दिल के सच्चे,
इंसानियत हमारी पहचान है।
देश के काम हम आ सके,
माँगते यही वरदान हैं।
अच्छी संतति बनकर हमको,
करना जग का कल्याण है।
विश्व बंधुत्व का भाव जगाकर,
फिर करना हमको प्रस्थान है।
कुमकुम कुमारी
शिक्षिका
मध्य विद्यालय बाँक, जमालपुर