हमारा अधिकार
जीवन है आधार हमारा
जीना है अधिकार हमारा
निर्मल जल की जैसी स्वच्छ धारा
समर्पित हो व्यवहार हमारा
जीवन रक्षा महत्वपूर्ण अधिकार हमारा
दीन-दुखियों पे मत करना अत्याचार दोबारा
कण-कण और तृण-तृण में मृदुल जैसी भरा
सहमें धरा जैसे हृदय हो भंडार हमारा
धर्म की रक्षा और विश्वास का
संयम हो और हो प्रसार हमारा
दूर कर अंधविश्वास की तिमिर को
हो विजय की जय जयकार हमारा
शिक्षा विकास का नीव है सारा
इसे पाना है पूरा अधिकार हमारा
हैं हम राष्ट्र की वह पखवारा
तम के गलियारों की हैं हम उजियारा
हर सम्भव सूचना का अधिकार हमारा
कर जन-मानव की सत्कार
बन सहारा
नि:सहाय का तू बन मसीहा
ध्रुव जैसे तू चमको बन सितारा
सम हैं हम सामान यहाँ समता का अधिकार हमारा
जन-जन का मत कर उपहास सबको ये अधिकार है प्यारा
निरंकुश्ता को दूर भगाकर सत्यता का बीज जो वारा
भेद-भाव और द्वेष रहित हो
खुशियाँ भरा संसार हमारा।
भोला प्रसाद शर्मा
पूर्णिया (बिहार)