हमारा देश हमारी जिम्मेदारी
राष्ट्र भक्ति की राह में ,
देश सुरक्षा की चाह में,
कर्तव्य को सर्वोच्च मान,
राष्ट्र सेवा को धर्म मान,
हम अपना सर्वस्व लुटायेंगे
हमें अपना देश प्यारा हैं,
और प्यारा इसे बनायेंगे,
राष्ट्र सुरक्षा की खातिर,
यह जिम्मेदारी निभायेंगे।
हमसब हैं इस देश के वासी,
यहाँ न चले को जाति-पाति,
जाति-धर्म का भेद हटाकर,
छूआ-छूत, ऊँच-नीच मिटाकर,
सबको अपने गले लगाकर,
आपस में मिलजुल रहकर,
मानवता का फूल खिलाकर,
सदाचार का राह अपनाकर,
देश को स्वर्ग बनायेंगे,
राष्ट्र सुरक्षा की खातिर,
यह जिम्मेदारी हम निभायेंगे ।
जो बच्चे स्कूल नहीं जाते,
गरीबी, बेबसी के मारे हैं,
उनकी खुशियाँ उन्हें लौटायेंगे,
अंतिम पंक्ति से मुख्य धारा में जोड़कर,
मौलिक अधिकार दिलायेंगे,
शिक्षा का दीप घर घर जलायेंगे,
देश में शिक्षा का स्तर बढायेंगे,
राष्ट्र सुरक्षा की खातिर,
यह जिम्मेदारी हम निभायेंगे।
कुछ माता-पिता ऐसे भी हैं,
कम उम्र में बच्चों की शादी कर देते,
उन माता-पिता से स्वयं मिलकर
शिक्षा का महत्व बतायेंगे,
लड़की के स्वस्थ जीवन के खातिर,
“बाल विवाह कानूनन अपराध” है
इस कानून की बात समझायेंगे,
लड़के-लड़की के उच्च भविष्य निर्माण में,
हम उनका साथ निभायेंगे,
दहेज जैसी संक्रामक बिमारियों से
बचना उन्हें सिखायेंगे,
सार्वजनिक संपत्ति की रक्षा का प्रण लेकर,
साफ सुथरा और स्वच्छ भारत बनायेंगे,
राष्ट्र-सुरक्षा की खातिर,
यह जिम्मेदारी हम निभायेंगे।
मनु कुमारी
पूर्णियाँ बिहार