हमारा पर्यावरण
पड़े-पौधे लगाना है,
पर्यावरण बचाना है।
पानी को बचाना है,
जीवन को सजाना है।
चिडियों को चहचहाना
है,
मस्त मयूर नचाना है।
मदारी से डमरू बजवाना है।
बंदर भालु को नचवाना है।
जल को बेकार न बहाना है,
सुन्दर जल में नहाना है।
जन्म दिन पर पेड़ लगाना है।
सारे जन्म दिन मनाना है।
नारा हमें यही लगाना है,
शद्ध पर्यावरण बनाना है।
बच्चे, बुढ़े और युवाओं ने यह
ठाना है।
सबको एक-एक पेड़ लगाना है।
रीना कुमारी
प्रा० वि० सिमलवाड़ी पाश्चिम टोला
बायसी पूर्णियाँ बिहार
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