हँसना महौषधि है
आओ भैया, आओ बहना
आज बता दूँ पते की बात।
हँसना है रामबाण औषघि,
हंँसते रहो, सभी दिन रात।
आओ भैया————–
हँसना एक कला है भैया, जरा समझो मेरी बात।
गुस्से में रहना नहीं है अच्छी बात।
हरदम मुख पे रखो हँसी,
ये है खुशी की बात।
आओ भैया —–
मिलजुल कर रहना है हमको,
जीवन में संग साथ।
साथ रहेंगे साथ हँसेगे
हमसब दिन और रात।
एक दूजे को हम मनायें,
हँसते-हँसाते बीते ये जीवन साथ।
आओ भैया——–
हँसना है एक व्यायाम भी सुनो मेरी बात।
घर-घर में ये अलख जगाएँगे हम मिल- जुलकर साथ।
दादा-दादी नाना-नानी को
हँसा-हँसाकर उम्र बढ़ा देंगे हम साथ।
आओ भैया —
जीवन में दुःखी रहने से होती है बीमारियाँ
हँसते रहने से सदा भाग जाये
ये बीमारियाँ।
इसलिए कहती हूँ सबसे एक हँसी ही बीमारियों की मुफ्त दवाईयाँ ।
आओ भैया—
बच्चों के संग में रहकर खेलो कुदो और हँसो खुद करो हँसी की बात।
बच्चे भी हँसे और हँसना तुम भी साथ।
एक दूजे को हँसी लगाने में ही बीत जाये ये दिन रात।
आओ भैया —-
रीना कुमारी
पूर्णियाँ बिहार