हरियाली-अनुज वर्मा

हरियाली

सावन के आने से,
हरियाली चहूँ ओर छाई।
गजब है ये सृष्टि हमारी,
सभी दिखती रंगों से प्यारी।

पेड़ों की शोभा है हरियाली,
पत्तियों की काया हरियाली।
हरियाली जब छा जाती है,
पृथ्वी स्वर्ग सी हो जाती है।

अनाजों की न रहती कमी,
मिट्टी में बनी रहती है नमी।
बादलों को आकर्षित करती,
जीवों को प्राणवायु देती।

सावन का मान हरियाली,
महिलाओं की परिधान हरियाली।
हरियाली जब छा जाती है,
सब जग सुन्दर हो जाती है।

जब बढ़ेगी पेड़ों की हरियाली,
जीवन में बढ़ेगी खुशयाली।
चलो आज एक पेड़ लगाएं,
हरियाली को और बढ़ाएँ।

जन-जन तक संदेश पहुंचाएं,
पेड़ लगाएं कुछ पेड़ लगाएं।

अनुज वर्मा
मध्य विद्यालय बेलवा कटिहार

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