हे नारी तू महान है
देकर जन्म मुझे, नई दुनिया में लाने वाली
पिला कर अपनी शक्ति मुझे शक्ति प्रदान करने वाली
धुलाकर प्रत्येक पल मेरे मल मूत्र को,
मुझे स्वच्छ करने वाली
माँ के रूप में, हे नारी तू महान है, तू महान है, तू महान है।
घर मे देवतत्व लाकर घर को स्वर्ग बनाने वाली
हमेशा मेरी चिंता कर मेरी सेवा में तत्पर रहने वाली
जरा सी भी हो घर में अनबन न्यायाधीश बन उसे सुलझाने वाली
पुत्री के रूप में, हे नारी तू महान है, तू महान है, तू महान है।
मुझे खिला कर ख़ुद अन्त में खाने वाली
मेरे लिए अपने पसंद को हमेशा त्याग देने वाली
हर पल मेरे संग झगड़ कर मुझे आगे बढ़ाने वाली
बहन के रूप में, हे नारी तू महान है, तू महान है, तू महान है।
मेरे गलत को सही करके वर्ग में मुझे समझाने वाली
मेरे विकास के लिए हमेशा प्रेरणा प्रदान करने वाली
समाज में मुझे प्रतिषिठत करने के लिए हर पल प्रतयनशील रहने वाली
मित्र के रूप मे, हे नारी तू महान है, तू महान है, तू महान है।
जीवन के हर दुःख सुखः मे कदम से कदम मिलाकर चलने वाली
एक नई जिन्दगी में लाकर संसार में कृतार्थ करने वाली
एक पवित्र बन्धन में रहकर अर्थ धर्म मोक्ष प्रदान करने वाली
अर्द्धागिनी के रूप में हे नारी तू महान है, तू महान है, तू महान है।
रोहित कुमार गणेश
टप्पू हाट, दिघलबैंक
किशनगंज, बिहार