गरिमा की भाषा यह हिंदी मानव जीवन का आधार है ,
जीवन की गतिविधि चलती इससे यह संस्कृति का आगार है ।
माध्यम शिक्षा का सर्वोच्च इससे जुड़ता संसार है ,
यह संबंधों का नियामक भी इसमें मानव मूल्यों का संस्कार है ।
व्यक्ति ही नहीं समष्टि में भी फैली इसकी ऊर्जा ,
केवल व्यक्ति नहीं निखिल विश्व में भी होती इसकी पूजा ।
निर्मल भाव प्रकाशक भी ,यह अविरल ज्ञान कराती ,
हर भावों की धात्री यह नैसर्गिक भाव जगाती ।
आन बान की भाषा है यह मर्यादा की अभिव्यक्ति भी ,
यह हर बार स्वाभिमान जगाती है इस भाषा की सहज शक्ति भी ।
जिसकी कोई नहीं दूसरी भाषा होती उसकी हिंदी भाषा ही अभिव्यक्ति ,
वह रखता निज विचारों को इसमें यही हिंदी भाषा की शक्ति ।
यह भाषा है समृद्ध इतनी यह भावों का नित है दर्पण ,
भावों में जान यह लाती है यहाँ शब्दों का भी होता अर्पण।
भाषा ही संस्कृति का वाहक यह यश की भी परिभाषा ,
फूले फले संसार में हरदम यह हर भारतीय की अभिलाषा ।
जीवन का मार्गदर्शक यह सुख दुःख का भान कराती ,
जगती के सारे कर्मों का यह सच्चा ज्ञान कराती ।
हिंदी भाषा की शक्ति इतनी हर भावों में बस जाती ,
इस भाषा की मर्यादा यह सबको संग भी लाती ।
भाषा में अव्वल यह हर पल है ज्ञान कराती ,
इस भाषा के सरल होने से हर जगह सहज रूप दर्शाती ।
अमरनाथ त्रिवेदी
पूर्व प्रधानाध्यापक
उत्क्रमित उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बैंगरा
प्रखंड बंदरा , जिला मुजफ्फरपुर

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