भाषा वही हमारी होती
हिंदी है मुस्कान हमारी ,
यह तो सबकी प्यारी है ।
जीवन के सतत संघर्ष में भी ,
यह तो सबसे न्यारी है ।
भाषा वही हमारी होती ,
जिसमें हम पढ़ लिख लें ।
हिंदी भाषा ही ऐसा सर्वोत्तम ,
जिसमें हम सब कुछ सीख लें ।
जीवन का आनंद है इसमें ,
मानव जीवन की तरुनाई है ।
यह भाषा है सबसे अव्वल ,
यही मातृभाषा की अँग़राई है ।
मानवता का है बोध कराती ,
यही जीवन के राग सुनाती है ।
सब भाषा का सिरमौर भी है ,
यह सबको पास बुलाती है ।
मानवता का दर्पण यह ,
आशाओं के दीप जलाती है ।
सुंदर सुंदर लोरी बन यह ,
मातृत्व के भाव जगाती है ।
इस भाषा का कोई जोड़ नहीं ,
बसती है यह हर प्रांगण में ।
जो शब्दों से भाव विचरते हैं ,
बस जाता है हृदयांगन में ।
अमरनाथ त्रिवेदी
पूर्व प्रधानाध्यापक
उत्क्रमित उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बैंगरा
प्रखंड बंदरा , जिला मुजफ्फरपुर
