हिन्दी मातृभाषा-संयुक्ता कुमारी

Sanyukta

हिन्दी मातृभाषा

है हमारी मातृभाषा हमे सबसे प्यारी ।

हमें अभिमान हिंदी पे ये है सबसे न्यारी ।।

अंतरराष्ट्रीय पहचान हमें विश्व में दिलाती है हिंदी ।

है हमारे देश की स्वाभिमान हिन्दी ।।

अपनी राजभाषा का हम सम्मान करें।

अंग्रेजी में क्या रखा हिंदी की हम बात करें।। 

अपना स्वाभिमान जगाएँ बचाएँ हिंदी का सम्मान ।

क्यों अंग्रेजी को अपनाने में समझते हैं हम शान।।

क्यों मनाते हैं 14 सितंबर को हिंदी दिवस महान।

हिंदी विद्यालय में अपने बच्चों को पढ़ाने में फिर क्यों समझते अपमान।।

कभी न हम अपनी मातृभाषा का भूले उपकार ।

विश्व में हिंदी का अलग स्थान क्यों न हो हमें हिन्दी से प्यार ।।

है हिंदी हमारी पहचान वेदना भी है इसी से इसी से है ज्ञान।

हिंदी हमारी सर्वस्व हमारे लिए यह वरदान।।

हिंदी से ही हमारी राष्ट्रीय कवियों की पहचान।

प्रेमचंद, दिनकर, तुलसी, मीरा और महादेवी की बढी शान ।।

हिंदी से ही विश्व में बढ़ेगा हमारा मान ।

हमारी राजभाषा का करें हम सम्मान ।।

हिंदी से है हिंदुस्तान संस्कृत से संस्कृति हमारी ।

अपनी रीति और संस्कार विश्व धरा पर सबसे भारी ।।

है हमारी मातृभाषा हमें सबसे प्यारी।

हमें अभिमान हिंदी पर है ये सबसे न्यारी ।।

संयुक्ता कुमारी
क. म. वि. मलहरिया
प्रखंड – बायसी
जिला – पूर्णिया
बिहार

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