जिंदगी जी ले ज़रा
ये जिंदगी मिलती नही आसानी से
क्यों पल-पल काट रहे परेशानी से
क्यों खो रहे आज, अपनी कल की आगवानी में
क्या मिलेंगे तुझे आज, अपनी कल की बागवानी में ?
ये जिंदगी तू जी ले जरा
ये जिंदगी तू जी ले जरा।
हाय! हाय! क्या कर रहे
क्या जुटा रहे कल के लिए
क्या जाएगा एक दिन सब कुछ तेरे लिए ?
फिर तू पछताएगा अपने कल के लिए ;
संभल सको तो संभाल लो खुद के लिए
ये जिंदगी तू जी ले जरा
ये जिंदगी तू जी ले ज़रा।
ये पल-पल की रवानियाँ
बटोर लो जहान की खुशियाँ
कर लो कल से कुछ दूरियाँ
हो जाएँगे दूर परेशानियाँ
अब जिंदगी तू जी ले जरा
अब जिंदगी तू जी ले जरा।।
अवनीश कुमार
उत्क्रमित मध्य विद्यालय अजगरवा पूरब
प्रखंड – पकड़ीदयाल
जिला – पूर्वी चंपारण (मोतिहारी)
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