जीवन का सार
जीवन को सफल बनाना है तो
करना होगा कुछ ऐसा काम,
मन, कर्म, वचन से रहो पवित्र
गीता का भी यही है ज्ञान।
अन्तर्मन का द्वार खोलो
सत्य असत्य का करो पहचान,
ईश्वर की भक्ति से भाई
जीवन का होगा कल्याण।
अन्तर्मुखी रहें सदा हम
आत्मस्वरूप का होगा ज्ञान,
बुद्ध को मिला बुद्धत्व यहाँ
किया उन्होंने जगत का कल्याण।
सत्य वचन सदा हम बोलें
भूले भटके को राह दिखाएँ,
सेवा को अपना धर्म बनाएँ
सकल समाज का करें कल्याण।
गुरु से मिला हमें जो ज्ञान
ईमानदारी से करें हम उसका दान,
हमारी कृति और यश फैलेगा
मिलेगा सबको सुखद परिणाम।
त्याग सको तो त्यागो मन से
लोभ, मोह, क्रोध और काम,
अच्छे समाज के उत्थान में
दो अपना सर्वस्व बलिदान।
काल का बुलावा आएगा जब
काम आएगा तुम्हारा कर्म,
सम्पूर्ण समाज में होगी चर्चा
बन जाओगे तुम भी महान।
भवानंद सिंह
रानीगंज, अररिया